शुक्रवार, 23 दिसंबर 2011

दुधारू नस्लों के चुनाव के लिये सामान्य प्रक्रिया


  • दुधारू नस्लों के चुनाव के लिये सामान्य प्रक्रिया
दुधारू गायों का चुनाव
बछड़ो के झुंड से बछड़ा चुनना व मवेशी मेला से गाय चुनना भी कला है। एक दुधारू किसान को अपना गल्ला बनाकर काम करना चाहिये। दुधारू गाय को चुनने के लिये निम्न बिंदुओं को ध्यान में रखा जाना .
चाहिये-
  • जब भी किसी पशु मेले से कोई मवेशी खरीदा जाता है तो उसे उसकी नस्ल की विशेषताओं और दुग्ध उत्पादन की क्षमता के आधार पर परखा जाना चाहिये।
  • इतिहास और वंशावली देखी जानी चाहिये क्योंकि अच्छे कृषि फार्मों द्वारा ये हिसाब रखा जाता है।
  • दुधारू गायों का अधिकतम उत्पादन प्रथम पांच बार प्रजनन के दौरान होता है। इसके चलते आपका चुनाव एक या दो बार प्रजनन के पश्चात् का होना चाहिये, वह भी प्रजनन के एक महीने बाद। 
  • उनका लगातार दूध निकाला जाना चाहिये जिससे औसत के आधार पर उसकी दूध देने की क्षमता का आकलन किया जा सके। 
  • कोई भी आदमी गाय से दूध निकालने में सक्षम हो जाये और उस दौरान गाय नियंत्रण में रहे।
  • कोई भी जानवर अक्टूबर व नवंबर माह में खरीदा जाना सही होता है।
  • अधिकतम उत्पादन प्रजनन के 90 दिनों तक नापा जाता है। 
अधिक उत्पादन देने वाली गाय नस्ल की विशेषताएं
  • आकर्षक व्यक्तित्व मादाजनित गुण, ऊर्जा, सभी अंगों में समानता व सामंजस्य, सही उठान। 
  • जानवर के शरीर का आकार खूँटा या रूखानी के समान होनी चाहिये।
  • उसकी आंखें चमकदार व गर्दन पतली होनी चाहिये।
  • थन पेट से सही तरीके से जुडे हुए होने चाहिये।
  • थनों की त्वचा पर रक्त वाहिनियों की बुनावट सही होनी चाहिये।
  • चारो थनों का अलग-अलग होना व सभी चूचक सही होनी चाहिये। 

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