शुक्रवार, 23 दिसंबर 2011

दुधारू व जुताई कार्य में प्रयुक्त नस्ल


ओन्गोले
  • मुख्यतः आन्ध्र प्रदेश के नेल्लोर कृष्णा, गोदावरी व गुन्टूर जिलों में मिलते है।
  • दुग्ध उत्पादन- 1500 किलोग्राम
  • बैल शक्तिशाली होते है व बैलगाडी ख़ींचने व भारी हल चलाने के काम में उपयोगी होते है।

हरियाणा
  • मुख्यतः हरियाणा के करनाल, हिसार व गुडगांव जिलों में व दिल्ली तथा पश्चिमी मध्य प्रदेश में मिलते है।
  • दुग्ध उत्पादन- 1140 से 4500 किलोग्राम
  • बैल शक्तिशाली होते हैं व सडक़ परिवहन तथा भारी हल चलाने के काम में उपयोगी होते है।

कांकरेज
  • मुख्यतः गुजरात में मिलते हैं।
  • दुग्ध उत्पादन- ग्रामीण स्थितियों में- 1300 किलोग्राम
  • व्यावसायिक फार्म की स्थिति में- 3600 किलोग्राम
  • प्रथम बार प्रजनन की उम्र- 36 से 42 महीने
  • प्रजनन की अवधि में अंतराल - 15 से 16 महीने
  • बैल शक्तिशाली, सक्रिय व तेज़ होते है। हल चलाने व परिवहन के लिये उपयोग किये जा सकते है। देओनी
    • मुख्यतः आंध्र प्रदेश के उत्तर दक्षिणी व दक्षिणी भागों में मिलता है।
    • गाय दुग्ध उत्पादन के लिये अच्छी होती है व बैल काम के लिये सही होते हैं।
                

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें