सर्वांगीण डेयरी विकास परियोजना : |
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डेयरी के क्षेत्र का विकास उत्तरोत्तर होता रहें, इस हेतु
सर्वांगीण डेयरी विकास कार्यक्रम दरभंगा के सभी ग्राम स्तरों पर
डेयरी खुलवाने हेतु डेयरी उद्यमियों को तैयार एवं प्रशिक्षित कर स्वरोजगार
से बेरोजगारी को खत्म करने हेतु प्रयासरत है।
देश तथा देशवासी की उन्नति, स्वास्थ्यवर्धन आदि के साथ-साथ गरीबी तथा बेरोजगारी समाप्त करने का समुचित उपाय डेयरी व्यवसाय (गौ-पालन) है। आज हमारे देश की औसत जरूरत का मात्र दो तिहाई दूध की उत्पादन हो रहा हैं जिसमें से केवल 15 प्रतिशत दूध की पहुंच प्रोसेसिंग यूनिट तक हो पा रही है। भारत में आज डेयरी निर्माण की औसत तीन चार गाय है। भारत एक कृषि प्रधान देश होने के बावजूद कभी भी कृषि से आत्मनिर्भर नही पाया गया है। जनसंख्या वृद्धि से खेत बंट कर घटते चले जा रहें हैं। फलस्वरूप किसानों को वित्तीय स्थिरता प्रदान करने में केवल पशुपालन ही ही सहयोगी सिद्ध हो रहा है। डेयरी को खेती के मेल का कार्यक्रम न मान कर इसे आज एक उद्योग के रूप में चलाने की आवश्यकता है क्योंकि यहां धन अर्जन के कई सम्भावनाएं है। दूध के अतिरिक्त गोबर से खाद, गोबर से बिजली उत्पादन तथा गोमूत्र से कीटनाशक तथा अन्य दवाईयों का निर्माण होता हैं । आज पशुपालन को धानोपार्जन का अतिरिक्त श्रोत मानने के बजाय एक अच्छे उद्योग के दर्जे की व्यवसाय समझने की आवश्यकता है जिसे एक संघ के अंतर्गत चलाने की आवश्यकता है। |
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शनिवार, 14 जनवरी 2012
सर्वांगीण डेयरी विकास परियोजना :
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