- वर्मी कम्पोस्ट के लाभ:
- वर्मी कम्पास्ट, सामान्य कम्पोस्टिंग विधि से एक तिहाई समय (२ से ३ माह) में ही तैयार हो जाता है |
- वर्मी कम्पोस्ट में गोबर की खाद (एफ.वाई.एम. ) की अपेक्षा नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश तथा अन्य सूक्ष्म तत्व अधिक मात्रा में पाये जाते हैं |
- वर्मी कम्पोस्अ के सूक्ष्म जीव, एन्जाइम्स, विटामिन तथा वृद्विवर्धक हार्मोन प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं |
- केंचुआ द्वारा निर्मित खाद को मिट्टी में मिलाने से मिट्टी की उपजाऊ एवं उर्वरा शक्ति बढ़ती है, जिसका प्रत्यक्ष प्रभाव पौधों की वृद्वि पर पड़ता है |
- वर्मी कम्पोस्ट वाली मिट्टी में भू-क्षरण कम होता है तथा मिट्टी की जलधारण क्षमता में सुधार होता है |
- खेतों में केंचुओं द्वारा निर्मित खाद के उपयोग से खरपरवार व कीड़ो का प्रकोप कम होता है तथा पौधों की रोग रोधक क्षमता भी बढ़ती है |
- वर्मी कम्पास्ट के उपयोग से फसलों पर रासायनिक उर्वरकों तथा कीटनाशकों की मांग कम होती है जिससे किसानों का इन पर व्यय कम होता है |
- वर्मी कम्पोस्ट से प्राकृतिक संतुलन बना रहता है, साथ ही भूमि, पौधों या अन्य प्राणियों पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता |
शनिवार, 14 जनवरी 2012
वर्मी कम्पोस्ट के लाभ:
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